- उर्वशी रौतेला 12.25 करोड़ रुपये में रोल्स-रॉयस कलिनन ब्लैक बैज खरीदने वाली पहली आउटसाइडर इंडियन एक्ट्रेस बन गई हैं।
- Urvashi Rautela becomes the first-ever outsider Indian actress to buy Rolls-Royce Cullinan Black Badge worth 12.25 crores!
- 'मेरे हसबैंड की बीवी' सिनेमाघरों में आ चुकी है, लोगों को पसंद आ रहा है ये लव सर्कल
- Mere Husband Ki Biwi Opens Up To Great Word Of Mouth Upon Release, Receives Rave Reviews From Audiences and Critics
- Jannat Zubair to Kriti Sanon: Actresses who are also entrepreneurs
मेदांता हॉस्पिटल में किया गया किडनी वारियर्स का सम्मान, ट्रांसप्लांट के बताए लाभ

इंदौर, मार्च, 2024: अनियमित और दूषित खानपान, अत्याधिक दर्द निवारक दवाओं के सेवन और बढ़ती जीवनशैली संबंधी बीमारियों के कारण किडनी रोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसमें भी चिंता का विषय है जानकारी का अभाव, केवल दो प्रतिशत लोगों को ही यह पता होता है कि उन्हें किडनी की बीमारी है। दुनिया भर में हर साल मार्च महीने के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है, ताकि किडनी के स्वस्थ रखने के तरीकों, इससे जुड़े रोगों और बचाव के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। इस साल 14 मार्च को मनाए जाने वाले किडनी दिवस की थीम “किडनी हेल्थ फॉर आल” है, जिसका उद्देश्य किडनी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सभी तक किडनी उपचार की पहुंच सुनिश्चित करना है।
मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने विश्व किडनी दिवस के अवसर पर किडनी रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उन किडनी मरीजों और डोनर्स को भी आमंत्रित किया गया जिनका इलाज और ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक मेदांता हॉस्पिटल में हुआ और आज वे स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। कार्यक्रम में किडनी रोगों के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जानकारी दी गई और इन “वारियर्स” का सम्मान किया गया। इसके अलावा, किडनी रोगियों के लिए स्वस्थ जीवनशैली के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम में शामिल हुए किडनी रोगियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टरों की मदद से वे किडनी रोग से उबरने में सफल हुए।
मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदौर के कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट, डॉ. जयसिंह अरोरा ने बताया, “शरीर में अकेला किडनी ही एक ऐसा ऑर्गन है जिसमें रिप्लेसमेंट आसानी से उपलब्ध है। अन्य ऑर्गन्स जैसे हार्ट, लीवर, ब्रेन के लिए आर्टिफिशियल मशीनें आसानी से उपलब्ध नहीं होती। लापरवाही के कारण पेशेंट्स उस स्टेज पर अस्पताल में आते हैं जब डायलिसिस या फिर ट्रांसप्लांट ही ऑप्शन रहता है। यह जानना जरूरी है कि किडनी ऐसा अंग है जो खुद को रीजनरेट नहीं कर सकता। एक बार उसकी कोशिकाएं या नेफ्रॉन खराब हो जाए तो रीजनरेट की गुंजाइश ही नहीं है। अगर वे 15 प्रतिशत से 30 प्रतिशत भी बचे रहें तो दवाइयों के सपोर्ट से जीवन बिना किसी तकलीफ के कट सकता है। उन्हें डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती। आज के आयोजन में हमने न सिर्फ किडनी ट्रांसप्लांटेड मरीजों का सम्मान किया बल्कि मौजूद लोगों को भी किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में जागरूक किया। इस बात की जागरूकता फैलाना बेहद अहम् है कि लोग किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हो, भारत में प्रतिवर्ष ऑर्गन ट्रांसप्लांट के न हो पाने की वजह से ढाई लाख मौतें होती हैं। करीब एक लाख लोग लिवर ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा में हैं, लगभग 2 लाख लोगों को किडनी की आवश्यकता होती है, वहीं हृदय के लिए प्रतिवर्ष 50 हजार लोग इंतजार करते हैं, इसलिए जरूरी है कि लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जागरूक करें ताकि लाखों लोगों की जान बच सके।”
डॉ. अरोरा आगे कहते हैं, “खुद को किडनी रोगों से बचाए रखने के लिए कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखा जा सकता है, जैसे, दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें. इससे किडनी को शरीर से टॉक्सिन निकालने में सहायता होती है। प्रोटीन सप्लीमेंट्स की जरूरत से ज्यादा मात्रा लेने से परहेज करें, हर दूसरे दिन पेनकिलर्स लेने से भी किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है इससे बचें। धूम्रपान करने पर भी किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ता है इसलिए धूम्रपान का सेवन बंद कर दें, शुगर और बीपी को नियंत्रित रखें एवं एक अच्छी जीवनशैली को अपनाएं। क्रिएटिनिन की मात्रा महिलाओं में 1.2 से अधिक और पुरुषों में 1.4 से अधिक खतरनाक है। किडनी में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।”